


दोस्तो
अभी हाल ही में दबंग देखी, फिल्म का कान्सैप्ट भले ही कुछ नया न हो, मगर फिल्मी भाषा में एंटर्टेंमेंट का कंप्लीट पैकेज थी ये फिल्म। मगर अब तक के मेरे फिल्मी सफर में (एक दर्शक की नज़र से) अपने बॉलीवुड में बड़ा चेंज आ चुका है। मुझे याद है की जब में स्कूल में पढ़ता था, तब खलनायक रिलीस हुई थी। परिवार के साथ बड़े ही उल्लास के साथ फिल्म देखने गया, मगर तब मेरी माँ को मुझे कोल्ड ड्रिंक पिलाने के लिए हाल से बाहर ले जाना पड़ा, बाद में कारण पता लगा जो की वो गाना था जो उस वक़्त सुपर डुपर हिट रहा था, चोली के पीछे क्या है, चुनरी के नीचे क्या है। । उसके बाद कई ऐसे एंटर्टेंमेंट पैकेज हम पब्लिक के सामने परोसे गए, जो भद्दे जरूर थे मगर हमने उन्हे एक्सैप्ट किया। समय बदलता चला गया और चोली की जगह ली मुन्नी ने, बेचारी मुन्नी को अपना गाना हिट कराने के लिए दूसरों के शरीर में दर्द को खत्म करने वाली झंडुबाम बनना पड़ा। मुन्नी बदनाम भी हो गई, इसके बाद जब लोगो ने इस भोंडपन के लिए ये कहा की वह क्या बात थी तो मुन्नी बोली मुझे तो यकीन नही होता की गाना इतना बड़ा हिट होगा। अब इन लोगो को कैसे समझाया जाए की म्यूजिक को सुनाने और उसे दर्शाने के तरीके अलग होते है।
अब बात इससे आगे बड़ी, मुन्नी के जोश को ठंडा करने के लिए हमारे एक और फिल्म बनाने वाले ने शीला को लाकर हमारे सामने खड़ा कर दिया। शीला ने हमे बताया की वो हमारे लिए ही सेक्सी थी और साथ ही भड़काने वाली अदा के साथ ही वो हमे ये भी बता रही है की माइ नेम इज शीला, शीला की जवानी।
अब हक़ीक़त तो ये है की हम आगे अब उस नीला, पीला या शकीला के इंतज़ार कर रहे है जो की खलनायक की गंगा, दबंग की मुन्नी और तीस मार खान की शीला से ज्यादा भोंडपन परोसने में कामयाब रहेगी।
तो दोस्तो मेरे साथ मेरे इंतज़ार में शरीक हो और मेरे इस ब्लॉग पर फीडबैक देना मत भूले।
प्रणाम
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